उत्थान पतन की सोंच लिए चलते हम जीवन बनाने को। लक्ष्य निर्धारण कर हम चलते अपना मंजिल पाने को...
उत्थान पतन की सोंच लिए
चलते हम जीवन बनाने को।
लक्ष्य निर्धारण कर हम
चलते अपना मंजिल पाने को।
शिक्षा-दीक्षा कर्म-श्रम
सब है यह राह दिखाने को।
कुछ विशेष करके दिखाऐ
जौहर, अपना ज़माने को।
शाला शिक्षक माता-पिता
पुस्तक कलम सब साधन है
मन मस्तिष्क में हलचल है
हारजीत मेरा मन है।
परीक्षा परिणाम और चुनौती
हरदम हमरा हर्ष बने।
बाधा दुविधा परेशानी
संकट मेरा संघर्ष बने।
अच्छा जीवन, सुन्दर जीवन
जीवन यूँ संगीत बने।
परेशानी उलझन झंझट से
संघर्ष जीने की रीत बने।
मान लिया तो हार समझ
और ठान लिया तो जीत बने।
धन्यवाद।
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