भगवान तेरे तस्वीर को हम मन में बसाकर , पूजा करते हैं हम निसदिन द्वार तुम्हारे आकर। मंदिर में तू मस्जिद में त...
भगवान तेरे तस्वीर को
हम मन में बसाकर ,
पूजा करते हैं हम निसदिन
द्वार तुम्हारे आकर।
मंदिर में तू मस्जिद में तू
तुम्ही हो गुरुद्वारा ,
तेरी कृपा बनी रहती
भक्तो पर तेरा सहारा।
तेरी ही तस्वीर हमेशा
रहता सबके मन में ,
तेरी कृपा प्रसाद पाकर
सफल होते जीवन में।
हे ईश्वर तेरे चरणों में
पुष्प चढ़ाकर ,
पूजा करते है हम निसदिन
द्वार तुम्हारे आकर।
तुम्ही बनाया है एक
सुन्दर रचना की है सृष्टि ,
तुम्ही जगत के पालनहर्त्ता
हरपल तेरी दृष्टि ।
जीवन ज्योति जलता
जिससे हवा पानी तू लाया।
जीवों में तू प्राण फूँक दी
तुमही हमें बनाया।
हम भी तेरी मूर्त बनाकर
और उसे सजाकर ,
पूजा करते है हम निसदिन
द्वार तुम्हारे आकर।
ना मांगे हम धन दौलत
तुमसे हम मांगे भक्ति ,
हर गमो को सहने की
बस इतनी देना शक्ति।
तेरी महिमा सबसे ऊंची
तुम्ही हो जग में दानी ,
हे अल्ला ! हे ईश्वर !
हे लोको के स्वामी।
हर मनोरथ पूरी
होती है तुमको पाकर ,
पूजा करते है हम निसदिन
द्वार तुम्हारे आकर।
तेरी नजर सभी पे रहती
पापी हो या दानी ,
अंतर्यामी कहते तुझको
तू ही लोक कल्याणी।
जीवन नैया फसें यदि
मझधार में तो तुम लेना ,
पतवार उठाकर हाथ से तुम
मेरे नाव को खेना।
हे मालिक हम तेरे
चरणों में शीश झुकाकर ,
पूजा करते है हम निसदिन
द्वार तुम्हारे आकर।
धन्यवाद्।
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