Chandrayan-III मिशन में कुल लागत 615 करोड़ है। चन्द्रमा पर जमीन कैसे ख़रीदे $24 में 1 एकड़ भारतीय रुपए में इसे बदलेंगे तो 25000 में 1 एक...
Chandrayan-III मिशन में कुल लागत 615 करोड़ है।
चन्द्रमा पर जमीन कैसे ख़रीदे
$24 में 1 एकड़ भारतीय रुपए में इसे बदलेंगे तो 25000 में 1 एकड़ जमीन चांद पर भुगतान डेबिट क्रेडिट कार्ड और एप्पल बेस्ड यहां तक की बिटकॉइन से भी पेमेंट कर सकते हैं। चांद पर खरीदी जमीन पर आप दावा नहीं कर सकते 1967 में दुनिया के 104 देशों ने समझौता किया था जिसके तहत अंतरिक्ष की चीजें किसी एक देश की संपत्ति नहीं है और यह होना भी चाहिए। क्या आपको पता है की इस समझौते पर भारत ने भी हस्ताक्षर किया था। तो बात क्या है की यह सब जानकर आपके मन में प्रश्न उत्पन्न हुआ होगा कि आखिर चांद पर जमीन कैसे खरीदा जाए तो हम आपको एक ऐसी वेबसाइट के बारे में बताने जा रहे है जिसके द्वारा आप चांद पर जमीन खरीद सकते हैं। इस वेबसाइट का नाम हैlunarregistry.com इस वेबसाइट को ओपन करते के साथ आपके सामने कुछ इस तरह का इंटरफेस नजर आएगा
सामने आपको "welcome to the moon" लिखा हुआ दिखेगा बड़े अक्षरों में, ऊपर की तरफ buy moon property लिखा हुआ दिखेगा
अब आपके मन में यह सवाल तो जरूर उत्पन्न हुआ होगा एक सवाल आपके मन में खटक रही होगी वह है कि क्या हम चांद पर अपना घर बना सकेंगे, लेकिन चांद पर जाना इतना महंगा होगा कौन जाएगा और कैसे जाएगा कौन ले जाएगा परंतु प्रॉपर्टी खरीदना फिर भी आसान है। वैसे आपको बता दें की साइंटिस्ट मतलब वैज्ञानिक चांद पर बस्तियां बसाने की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने क्या बताया। NASA ने क्या भविस्यवाणी की ?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने बताया कि 2030 तक चांद पर रहना संभव हो जाएगा। 2030 तक चांद पर घर ऑफिस बन जाएंगे। तो क्या घर ऑफिस बन जाएंगे तो यहां से लोग चले जाएंगे ऐसा नहीं है पर शुरुआत में अंतरिक्ष वैज्ञानिक चांद पर रहेंगे, वैज्ञानिक चांद से जुड़ी चीजों पर रिसर्च करेंगे वहां जाकर।
क्या है NASA अमेरिकन स्पेस एजेंसी की अगली मिशन ?
आपको बता दें कि NASA अमेरिकी स्पेस एजेंसी नया मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है जिसमें लगभग 2 लाख करोड़ की लागत आएगी। इसमें पुरुष ,महिला ,अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी है। और नासा 2024 में आर्टेमिस-2 मिशन को चांद पर भेजेगा। अंतरिक्ष यात्रियों को चांद के दक्षिणी ध्रुव मतलब साउथ पोल पर उतारने की तैयारी है। नासा का यह स्ट्रेटजी है कि वह करीबन 1 सप्ताह चांद पर बीताएगी और वहां पानी की खोज करेगी अगर वहां पानी मिल गया तो यह बहुत बड़ी खोज होगी यद्यपि चांद पर वायुमंडल नहीं, दक्षिणी ध्रुव चंद्रमा का सबसे ठंडा स्थान है अगर वहां बर्फ के रूप में पानी मिल गया तो यह बहुत बड़ी खोज होगी।
पानी मिलने के बाद चांद पर रहना संभव हो जाएगा पानी से रसायनिक प्रक्रिया ऑक्सीजन बनाई जा सकती है। और पानी और ऑक्सीजन जिंदगी के लिए सबसे जरूरी चीजें हैं।
अब सवाल यह है कि चंद्रमा पर बस्ती बसाना एक यह तो भविष्य की बात है लेकिन जो चंद्रयान मिशन ISRO के द्वारा किया गया है, इसके chief है 'एस सोना'
अब मैं आपको बता दूं कि जो chandrayaan-3 14 जुलाई 2023 को 2:35 में सफलता पूर्ण लॉन्च किया गया वह चंद्रमा पर कब पहुंचेगा। आपको जानकर हैरानी होगी की इस चंद्रयान को चंद्रमा तक का सफर तय करने में 42 दिन का समय लगेगा, जी हां बिल्कुल 42 दिन। यह चांद पर पहुंचेगा और चंद्रमा के ऊपर एक रोवर आकर रुकेगा । स्पेसक्राफ्ट के अंदर से लेंडर आकर रुकेगा और उस लेंडर के अंदर से रोवर निकलेगी। चंद्रयान मिशन को LVM-3 राकेट से सफल पूर्वक स्थापित किया गया और chandrayaan-3 करीब 5 दिन तक पृथ्वी के चक्कर लगाएगा। आपको लग रहा होगा कि यह सीधा पृथ्वी से उड़कर चंद्रमा तक पहुंच जाएगा पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बल्कि राकेट पृथ्वी के चक्कर लगाते लगाते धीरे-धीरे अपना रेडियस बढ़ाएगा और धीरे-धीरे पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की कक्षा पर प्रवेश करेगा। पर अगर सब कुछ सही रहा तो 23 अगस्त को चांद पर सफलतापूर्वक लैंड करेगा। शाम को 5: 47 मिनट २३२ अगस्त पर चंद्रमा पर लैंड कर सकता है।
इस दौरान पूरा मिशन 10 चरणों में पूरा होगा-
1.ISRO टीम 24 * 7 घंटे chandrayaan-3 रॉकेट पर अप नजर गड़ाए रखेगा, उसकी हर हरकत पर नजर रखेगा कि किस पल राकेट कहां पहुंचा है क्या समस्या सामने आ रही है और बहुत कुछ।
2. धीरे-धीरे गोल गोल चक्कर काटेगा पृथ्वी के चारों ओर और पृथ्वी से अपनी दूरी बढ़ाते चला जाएगा और समय ऐसा आएगा जब यह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा और कुछ समय बाद यह चंद्रमा पर लैंड कर सकता है।
3. यह 13 दिन चंद्रमा के चक्कर लगाएगा । धीरे-धीरे या पृथ्वी से अपनी दूरी बढ़ाते जाएगा और चंद्रमा के समीप आते जाएगा।
4. चंद्रमा से 100 किलोमीटर ऊपर लैंडर अलग हो जाएगा। और फिर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा।
5. चंद्रमा की सतह पर लेंडर से रोवर अलग हो जाएगा। और आपको बता दें कि सतह पर इसे लैंड कराना ही सबसे मुश्किल काम है।
6.23 अगस्त की शाम को यह चांद पर उतरेगा। रोवर 14 दिन चांद पर प्रयोग करेगा और ऐसी चीजें ढूंढेगा जिससे हम और आप अभी तक बेखबर है।
7. रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा और यहां पानी की खोज करेगा और यह भी खोज करेगा कि चंद्रमा की रासायनिक संरचना कैसी है। यहां से चंद्रमा की उत्पत्ति की जानकारी मिल सकती है कि आखिर यह चांद कैसे आया। चांद के विकास को लेकर जानकारी मिल सकती है
8. NASA के मिशन ने यहां तक की हाइड्रोजन का पता लगाया था और पानी या बर्फ मिलना बहुत बड़ी सफलता होगी भारत के लिए। और यह आगे की कई रिसर्च मैं मददगार साबित हो सकता है
9. जब चंद्रयान लांच हो रहा था तब हमारे उत्तर प्रदेश के कानपुर जगह के देश के भविष्य यानी बच्चे पूजा कर रहे थे ताकि मिशन चंद्रयान 3 कामयाब हो सके। यहां तक की कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी भी इस सुनहरे पल में इसरो को बधाई दिया और इस मिशन के कामयाबी की कामना की
इस मिशन चंद्रयान 3 को लीड कौन कर रही हैं?, Who is the director of Mission Chandrayan III?
10. वैज्ञानिक ऋतु करियाल इस मिशन चंद्रयान 3 को लीड कर रही हैं। ऋतु "मंगलयान" मिशन की डिप्टी डायरेक्टर थी। चंद्रयान मिशन 2 में मिशन डायरेक्टर की जिम्मेदारी रितु करीधाल श्रीवास्तव लखनऊ की रखने वाली है। लखनऊ यूनिवर्सिटी से भौतिकी में एमएससी की फिर बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में पढ़ाई की। 1997 में ऋतु ने ISRO को ज्वाइन किया उसके बाद अपनी मेहनत से ISRO मैं एयरोस्पेस में विशेषज्ञता हासिल की और इसके साथ साथ ISRO के कई मिशन में अहम भूमिका निभाई।
"राकेट वुमन" किसे कहते है ? राकेट वुमन किस वैज्ञानिक का नाम है ?
जिस कारण रितु जी को "राकेट वुमन" भी कहते हैं
2007 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया था ऋतु जी को।
और इस मिशन पर हमारे राकेट वुमन मतलब ऋतु जी के भाई ने क्या कहा चलिए जानते हैं-
वह भी इस मिशन कि सफलता की प्रार्थना कर रहे । वह अपनी शुभकामनाएं दे रहे थे
=इसे अधिक से अधिक शेयर करे ताकि हमारे देश के हर एक नागरिक को इसके बारे में पता चल सके। और वह सभी भी इस मिशन के सफल होने के लिए इस्वर से प्रार्थना कर सके
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