एक दहेज़ का दानव है जो मचा रहा है अत्याचार। खून करता मासूम बाला की जो है शादी को तैयार।। जह...
एक दहेज़ का दानव है जो
मचा रहा है अत्याचार।
खून करता मासूम बाला की
जो है शादी को तैयार।।
जहर पिलाकर , आग लगाकर
किसी को फाँसी लटकाता।
धन दौलत जिसके नहीं है
वह शिकार है हो जाता।।
कुछ लोगो ने किया सामना
चले मिटने दानव को ।
दहेज़ की परचम लेकर चलते
क्या कहना इस मानव को।।
कोई सख्स ऐसे होते जो
इस दानव से वे लड़ते ।
इतना विशाल काया है जो
सुरसा , मारिच फीके पड़ते ।।
सुन्दर पढ़ी लड़की है जिसका
उसको भी देता है मार।
किसी तरह शादी हो जाये
लड़का मिलता है बेकार।।
धन दौलत से शादी होता
लड़की तो है बस एक मूरत।
जीवन होता है बरबाद
दहेज़ दानव की यह सीरत।।
दुनिया वाले जिन्दा हो सब
बनकर जैसे अनजाना।
इस दानव को पाल रखे हो
सीखा कभी न शरमाना।।
आज जरुरत है मानव का
तप करके जो आये हो।
फलस्वरूप जो पा लिया वह
लालच दूर भगाये हो।।
धन्यवाद।
COMMENTS